ज़हरीली हवा में जीने को मंजूर फेफड़ो को होगा नुकसान AQI हुआ इतना ?

ज़हरीली हवा के चलते  उत्तर भारत के कुछ राज्यों में कोहरा छाया रहा और देश की राजधानी दिल्ली में पूरा कोहरा छाया रहा और आँखों में जलन से लेकर ह्रदय फेफड़ो के रोगी हुए परेशान ! जिसके चलते प्रदूषण और कोहरे को काबू में करने के लिए  दिल्ली में कई तरह की पाबंदिया लागू की गयी hai

प्रदूषित वायु में दिल्ली NCR समेत कई जिले – AQI report

 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा लागू AQI (Air Quality Index ) में दिल्ली के वातावरण में वायु का स्वछता इंडेक्स  699 के करीब पाया गया जो इस समय में सबसे प्रदूषित वायु को दर्शाता है । इस प्रदूषित वायु के होने के पीछे कारण हरियाणा पंजाब और उत्तर प्रदेश के जिलों में फसलों की कटाई के बाद पराली जलाने की वजह है जिससे पुरे तरह वायु जहरीली हो चुकी है जो सास लेने योग्य नहीं है

एक रिपोर्ट की अनुसार इस प्रदूषित वायु में सास लेने का मतलब 40 सिगरेट पीने के बराबर है जिससे काफी लोगो को सास लेने में भी तकलीफ हो रही है और काफी लोगो के फेफड़ो पर काफी असर हो रहा है ।

इस प्रदूषित वायु के दिल्ली पर काफी असर हुआ जिसके चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के सभी इंडस्ट्रियल एरिया में काम बंद करने, कंस्ट्रक्शन करने पर  और बच्चो को स्कूलों से छुट्टी दे कर घर रहने की सलाह दी है इससे अलग पब्लिक वाहनों में भी ODD-EVEN फार्मूला को लागू किया गया है  ।

IIT कानपूर करेगी आर्टिफीसियल वर्षा :

भारत में सबसे पहले आर्टिफीसियल बारिश के लिए IIT कानपूर ने क्लाउड सीडिंग के जरिये कृतिम वर्षा की ईजाद की है उसी कृतिम वर्षा का इस्तेमाल अब उत्तर प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के साथ मिल कर प्रदूषित वायु को कण्ट्रोल करने के लिए नॉएडा समेत कई जिलों में की जाएगी ।

इस तरह से की  जाती है कृतिम वर्षा जिसका उपयोग अब प्रदूषण को काबू करने के लिए किया जायेगा ।

ग्रैप क्या है और ग्रेप के कितने चरण हैं और इसे कब लागू किया जाता है?

ग्रेप एक तरह का प्रदूषण को नापने और वायु के स्वछता के विभिन्न लेवल को दर्शाता है जिसके चलते प्रदूषित वायु को साफ़ करने के लिए विभिन्न विभिन्न रोकथाम किया जाते है जैसे की ग्रेप लेवेल 1 जिसमे AQI लेवल 201-301 के बीच में होता है और लेवल 2 में 301-401 PPM के बीच में होता है और लेवल 3 में 401-450 तक के बीच में AQI होता है और ग्रेप लेवल सबसे हानिकारक 451-500 या उससे ऊपर हो तब माना जाता है इसमें वातावरण की वायु सबसे खतरनाक और सांस लेने यो

AQI AIR QUALITY index now
AQI AIR QUALITY index now

ग्रेप के 4 लेवेल होते है । 

  1. 201-301 पीपीएम  प्रदूषित
  2. 301-401 पीपीएम  खराब
  3. 401-451 पीपीएम बहुत खराब
  4. 451-501 पीपीएम गंभीर

स्वास्थय के लिए कितना खतरनाक है ये प्रदूषित हवा ?

स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी के अनुसार उत्तर भारत के कुछ भाग में वायु काफी प्रदूषित हो चुकी है जिससे आमजन यानि पब्लिक को काफी तरह की स्वास्थ्य परेशानी झेलनी पड़ सकती है AQI 500 से अधिक जाने के बाद अस्थमा जैसी फेफड़ो के रोग और ह्रदय रोगी इस प्रदूषित वायु की चपेट में ज्यादा आ सकते है इस तरह के वातावरण में सैर करना बिलकुल नहीं चाहिए बचे और व्यस्को का काफी ध्यान रखते हुए उन्हें घर पर रहने की हिदायत दी गयी है ।

    कैसे करे चेक AQI वायु स्वछता सूचकांक :

अपने आस पास के वातावरण में वायु स्वछता सूचकांक (Air Quality Index) देखने के लिए आप गूगल प्लेस्टोर से कुछ एप्प डाउनलोड कर सकते है जो आपको आपके वातावरण के अनुसार आपको जानकारी देंगी या अपने फ़ोन में गूगल मैप नमक एप्प में जा कर आप चेक कर सकते है ।

एक अच्छे वातावरण में AQI कितना होना चाहिए ?

अच्छे वातावरण के अनुसार IMD ने AQI इंडेक्स 50-100 के बीच में होना चाहिए इससे अधिक होने पर वायु की क़्वालिटी घटती जाती है और जैसे जैसे इंडेक्स बढ़ता है वातावरण में वायु ख़राब का संकेत देता है ।

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